बाजरा की रोटी और। .........
बाजरे के आटे की रोटी, लहसुन की मिर्च वाली चटनी, हरी प्याज का रायता।
सबसे पहले आपको बाजरे का आटा लेना होगा। फिर जैसे गेहूं के आटे को रोटी बनाने के लिए गुंथा जाता है, वैसे न गूंथ के केवल एक रोटी में समाये उतना आटा लेना है। उसमे धीरे धीरे इतना पानी मिलाओ की आटा एक गोल मोल पिंड का आकर ले सके। न ज्यादा गीला ना ज्यादा सख्त। अब इसे धीरे धीरे रोटी की सकल देने के लिए अपने दोनों हाथों में फ़ैलाने की कोशिश करें। कभी इस हाथ में कभी उस हाथ में। यह प्रक्रिया जल्दी जल्दी एक हाथ से दूसरे हाथ में जारी रखे। देखते जाएँ रोटी अपनी सकल ले रही है। वैसे यह प्रेक्टिस से आसानी से हो जाता है। एक दो बार कोशिश करेंगे तो आसान हो जायेगा। अब जब रोटी अपनी गोल सकल ले ले तो इसे गर्म तवे पर डाल दें। उचित रहेगा तवा चूल्हे पर हो और आपके पास पर्याप्त लकड़ी (सूखी लकड़ी ) हो। आंच ज्यादा मंदी और ज्यादा कम न हो। चूल्हे में पर्याप्त मात्रा में खीरे (सुखी लकड़ी जलने के बाद बने चारकोल जो लाल गर्म) हों। अब जब इतना हो जाये तो तवे पर रोटी डाल दे। धीरे धीरे रोटी सिकने की अवस्था में आएगी। आप 3 मिनट बाद सावधानी पूर्वक रोटी को तवे पर ही पलट दें। अब 3-4 मिनट दूसरी तरफ से सिकने दें। जब 3 - 4 मिनट बाद रोटी दूसरी तरफ से सिक जाये तो, गर्म चारकोल को चूल्हे से थोड़ा सा बहार की साइड में खींच ले। ध्यान रहे पुरे बाहर नहीं आने चाहिए। अब रोटी को चूल्हे के एक पाए के सहारे इन चारकोल पर खड़ा कर दे। और चिमटे की सहायता से धीरे धीरे घुमाते रहें। फिर रोटी को दूसरी तरफ से घुमाते रहे। अब आपकी रोटी सिक चुकी है। ये रोटी एक तरफ से सख्त तथा दूसरी तरफ से पपड़ी वाली होगी। अब फूंक मारकर रोटी को थाली में रखे। थाली में रखने के बाद देसी घी लें तथा पपड़ी वाली साइड में हल्का सा मिर्या (घी डालने का यन्त्र) की सहायता से गढ़ा बना लें। अब इसमे जितना समाये उतना घी डाल दे तथा मिर्या को रोटी की पपड़ी के ऊपर घुमाते हुए पूरी रोटी के ऊपर फेर दे। ध्यान रखें गरमा गर्म रोटी पर ही यह करना है। इस प्रकार यह बाजरे की रोटी तैयार हो गई। अब आप इसे लहसुन व मिर्च की चटनी तथा हरी प्याज के रायते के साथ परोस सकते है।
यह सर्दियों का भोजन गांवों में मेवा कहलाता है। इसे दोपहर के भोजन में अक्सर खाया जाता है।
अगली बार में इसके साथ खाई जाने वाली लहसून की चटनी के बारे में बताऊंगा। फिर हरी प्याज का रायता कैसे बनाया जाता है, उसके बारे में।
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इसके क्या लाभ हैं।
1 . जिन लोगों को अल्प रक्तता(खून की कमी हीमोग्लोबिन) प्रॉब्लम हो उन लोगों के लिए राम बाण औषधि है। 2 . शरीर में इम्युनिटी पावर को बढ़ता है।
3 . हडिड्यों के जोड़ो के दर्द में राहत।
4 . बढती उम्र को रोकता है।
5 . द्रश्य शक्ति को बढाता है।
सावधानी :-
जिन लोगों को कोंस्टीपेशन (कब्ज ) की शिकायत हो उन्हें एक साथ कई रोटियों का सेवन करने से बचना चाहिए। गर्मी की ऋतु में शाम के भोजन में शामिल करने से बचना चाहिए।