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किसानों के लिए एक मोटर में दो मशीन चलाने का जुगाड़

किसान बचत कैसे करें  भारत में किसान के लिए बचत ही उसका मुनाफा है। क्योंकि बाजार उसके अनुकूल नहीं है। जो भी किसान फसल उगाता है, वो पशुपालन भी करता है। इस प्रकार किसान पशुपालन के द्वारा अतिरिक्त आय अर्जित करता है। ये अतिरिक्त आय ही उसकी बचत होती है। किसान अपने छोटे छोटे खोजी तरीकों से बचत के तरिके ढूंढता रहता है। आज हम यहाँ ऐसे ही एक तरीके की बात कर रहे है। जी हाँ किसान की बचत का एक तरीका जिसे अपनाकर किसान अपनी बचत व श्रम का बेहतर तरीके से उपयोग का सकता है। हम बात करेंगे चारा काटने वाली मशीन की। हर किसान पशुपालन करता है। पशुओं की देखरेख में उसका बहुत सा समय जाया होता है। अगर ऐसे तरीके अपनाकर वह कार्य करे तो उसके धन व समय की बचत होगी। आज हम इस वीडियो में हरा चारा काटने वाली मशीन के प्रयोग की बात करेंगे।  एक मोटर से दो मशीन कैसे चलाएं  जैसा की वीडियो में दिखाया गया है, सबसे पहले आप बाजार से 5 X 3 फ़ीट के दो पत्थर लेकर आएं। फिर चारा काटने वाली मशीन के पैरों के नाप से उस पर चार छेद करके नट व बोल्ट की सहायता से मशीन को अच्छे से उस पत्थर पर फिक्स कर लें। फिर बची हुयी जगह पर मोटर को ए

बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें

बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें
आप सभी को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें।  आज के दिन से प्रकृति अपना सौन्दर्य निखारने लगती है जो लगभग तीन महीने तक चरम पर रहेगा।  उसके बाद गर्मियों की ऋतु में धीरे धीरे इसके सौन्दर्य में थोड़ी कमी आती है, जो वर्षा ऋतु में पुनः लौट आती है।
स्वास्थ्य के लिए
प्राकृतिक रूप से ये 2 -3 महीने स्वास्थ्य के लिए बहूत महत्वपूर्ण होते है।  जिस तरह से प्रकृति में बदलाव आता है, वैसे हम अपने स्वस्थ्य में भी बदलाव ला सकते है। जैसे पेड़ों पर नयी कोंपल, फूल पत्तियां आती है, वैसे ही हमारे शरीर में भी रक्त का बदलाव होता है। अगर इस समय को हम थोड़ी सी सावधानी के साथ औषधीय र्रोप से लें तो प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रहेंगें।
मानसिक रूप से तनाव मुक्त रहने के लिए उत्तम समय है। ग्रंथों में वसंत के मौसम को सारी ऋतुओं का राजा इसीलिए कहा है।

प्रकृति का जादू 
जब हम जंगल, समंदर, नदी किनारे या पहाड़ पर फूलों को देखते हैं, तो मन को एक तरह का सुकून मिलता है।  प्रकृति की यह विविधता देखकर हम आश्चर्य से भर जाते है।  कितने ही दुखी हों, घने जंगल, कुदरती बाग़ में चले जाइये।  पेड़ के पत्तों के 10 तरह के हरे रंग देखिये एक आंतरिक शांति मिलेगी मनोविज्ञान की भाषा में समझे तो पर्यावरण के बीच जाने पर दिमाग को ताजगी मिलती है।  वहां हमारे पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को विश्वास होता है, की कोई आपसे बड़ा और बेहतर है , वो हमारे पक्ष में है। पैरासिम्पेथेटिक सिस्टम आपको शांत रखता है इसके साथ साथ आप तभी रचनात्मक हो पते हैं जब आप शांत हों तब दिमाग में नए नए विचार आते हैं।
Nature

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